आधुनिक भारत

टॉपिक:- अगस्त प्रस्ताव

भारत के वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने 8 अगस्त 1940 को शिमला से एक वक्तव्य जारी किया, जिसे अगस्त प्रस्ताव कहा गया|यह प्रस्ताव कांग्रेस द्वारा ब्रिटेन से भारत की स्वतंत्रता के लक्ष्य को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में लाया गया था|

अगस्त प्रस्ताव के प्रावधान


• सलाहकारी युद्ध परिषद् की स्थापना

• युद्ध के पश्चात भारत के संविधान निर्माण के लिए प्रतिनिधिक भारतीय निकाय की स्थापना करना

• वायसराय की कार्यकारी परिषद् का तत्काल विस्तार

• अल्पसंख्यकों को यह आश्वासन दिया गया कि ब्रिटिश सरकार,शासन के किसी ऐसे तंत्र को सत्ता नहीं सौंपेगी जिसके प्राधिकार को भारतीय राष्ट्रीय जीवन के किसी बड़े और शक्तिशाली तबके द्वारा स्वीकार न किया गया हो

यह प्रथम अवसर था जब भारतीयों के संविधान निर्माण के अधिकार को स्वीकार किया गया और कांग्रेस ने संविधान सभा के गठन को सहमति प्रदान की| कांग्रेस ने अगस्त प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया| जवाहर लाल नेहरु ने कहा कि डोमिनियन दर्जे का सिद्धांत अब मृतप्राय हो चुका है| गाँधी ने कहा कि इस घोषणा नेराष्ट्रवादियों और ब्रिटिश शासकों के बीच की खाई को और चौड़ा कर दिया है| मुस्लिम लीग इसमें दिए गए वीटो अधिकार के चलते खुश थी और उसने कहा कि राजनीतिक गतिरोध को दूर करने का एकमात्र उपाय विभाजन है| कांग्रेस द्वारा प्रस्तुत की गयी मांगों को स्वीकार न करने से व्याप्त व्यापक असंतोष के सन्दर्भ में गाँधी ने वर्धा में हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अपनी व्यक्तिगत सविनय अवज्ञा को शुरू करने की योजना को प्रस्तुत किया|

निष्कर्ष


यह भारत के वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो के द्वारा जारी किया गया औपचारिक वक्तव्य था,जिसने संविधान निर्माण प्रक्रिया की नींव रखी और कांग्रेस ने संविधान सभा के गठन को सहमति प्रदान की|

*🌹✍ अमर किशोर (IAS ASPIRANTS)🌹*

Comments

Popular posts from this blog

UTTARAKHAND GK PART-2

UTTARAKHAND GK PART-7

UTTARAKHAND GK PART-6