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आज का प्रेरक प्रसंग-स्वतंत्रता Motivational-03

आज का प्रेरक प्रसंग  !! स्वतंत्रता !! ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- एक सन्त के आश्रम में एक शिष्य कहीं से एक तोता ले आया और उसे पिंजरे में रख लिया। सन्त ने कई बार शिष्य से कहा कि “इसे यों कैद न करो। परतंत्रता संसार का सबसे बड़ा अभिशाप है।” किन्तु शिष्य अपने बालसुलभ कौतूहल को न रोक सका और उसे अर्थात् पिंजरे में बन्द किये रहा। तब सन्त ने सोचा कि “तोता को ही स्वतंत्र होने का पाठ पढ़ाना चाहिए” उन्होंने पिंजरा अपनी कुटी में मँगवा लिया और तोते को नित्य ही सिखाने लगे- ‘पिंजरा छोड़ दो, उड़ जाओ।’ कुछ दिन में तोते को वाक्य भली भाँति रट गया। तब एक दिन सफाई करते समय भूल से पिंजरा खुला रह गया। सन्त कुटी में आये तो देखा कि तोता बाहर निकल आया है और बड़े आराम से घूम रहा है साथ ही ऊँचे स्वर में कह भी रहा है- “पिंजरा छोड़ दो, उड़ जाओ।” सन्त को आता देख वह पुनः पिंजरे के अन्दर चला गया और अपना पाठ बड़े जोर-जोर से दुहराने लगा। सन्त को यह देखकर बहुत ही आश्चर्य हुआ। साथ ही दुःख भी। वे सोचते रहे “इसने केवल शब्द ...

Motivational-02

आज का प्रेरक प्रसंग  !! चोर बना महात्मा !! ----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- एक बार एक चोर जब मरने लगा तो उसने अपने बेटे को बुलाकर एक नसीहत दी:-” अगर तुझे चोरी करनी है तो किसी गुरुद्वारा, धर्मशाला या किसी धार्मिक स्थान में मत जाना बल्कि इनसे दूर ही रहना और दूसरी बात अगर कभी पकड़े जाओ, तो यह मत स्वीकार करना कि तुमने चोरी की है, चाहे कितनी भी सख्त मार पड़े|” चोर के लड़के ने कहा:- “सत्य वचन”| इतना कहकर वह चोर मर गया और उसका लड़का रोज रात को चोरी करता रहा| एक बार उस लड़के ने चोरी करने के लिए किसी घर के ताले तोड़े, लेकिन घर वाले जाग गए और उन्होंने शोर मचा दिया| आगे पहरेदार खड़े थे| उन्होंने कहा:- “आने दो, बच कर कहां जाएगा”? एक तरफ घरवाले खड़े थे और दूसरी तरफ पहरेदार| अब चोर जाए भी तो किधर जाए| वह किसी तरह बच कर वहां से निकल गया| रास्ते में एक धर्मशाला पड़ती थी| धर्मशाला को देखकर उसको अपने बाप की सलाह याद आ गई कि धर्मशाला में नहीं जाना| लेकिन वह अब करे भी तो क्या करे ? उसने यह सही मौका देख कर वह धर...