Vyas Samman-2019

   वर्ष 2019 का व्यास सम्मान नासिरा शर्मा को मिलेगा 

व्यास सम्मान जिसकी स्थापना 1991 में हुयी थी, के0 के0 बिरला फाउंडेशन की ओर से दिए जाने वाला यह पुरस्कार दस वर्ष की अवधि में प्रकाशित किसी भारतीय नागरिक की हिंदी की उत्कृष्ट साहित्य कृति के लिए प्रदान किया जाता है। सरस्वती सम्मान के पश्चात जो कि सभी भाषाओं के साहित्यकारों को दिया जाता है, के0के0 बिडला फाउंडेशन द्वारा दिया जाने वाला यह दूसरा सबसे बड़ा साहित्य पुरस्कार है। वर्ष 1991 में पहला व्यास सम्मान डॉ0 रामविलास शर्मा को उनकी आलोचना भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी के लिए दिया गया था। व्यास सम्मान के तहत प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह और 3.5 लाख रुपये नगद प्रदान किये जाते है। जानी-मानी लेखिका नासिरा शर्मा को वर्ष 2019 के ‘व्यास सम्मान’ के लिए चुना गया है। नासिरा शर्मा को वर्ष 2014 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘कागज की नाव’ के लिए वर्ष 2019 का व्यास सम्मान दिया जाएगा। यह निर्णय हिंदी साहित्य के विद्वान डा. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने किया।


संक्षिप्त परिचय

पूरा नाम-नासिरा शर्मा
जन्म२२अगस्त, १९४८
जन्मभूमि/इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश)
कर्मभूमि-भारत
कर्मक्षेत्र-साहित्यकार

मुख्यरचनाएँ-

नाटक- 'दहलीज', 'पत्थर गली';

कहानी- 'शामी कागज', 'इब्ने मरियम', 'संगसार'; उपन्यास- 'पारिजात', 'सात नदियां एक समंदर', 'कुईयांजान'।भाषा-हिंदी, फारसी भाषा, उर्दू, अंग्रेज़ीऔर पश्तो भाषा।पुरस्कार-उपाधियूके कथा सम्मान ('कुईयांजान' के लिए), साहित्य अकादमी पुरस्कार हिन्दी २०१६('परिजात' के लिए)

अन्य जानकारी- स्त्री विमर्श की दृष्टि से नासिरा की कहानियाँ अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इन पर प्रेमचंद, मंटो, तबस्सुम आदि का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।अद्यतन


साहित्यकार नासिरा शर्मा  हिंदी की प्रसिद्ध कहानीकार और लेखिका हैं। इलाहाबाद में जन्मी नासिरा शर्मा को साहित्य विरासत में मिला। नासिरा शर्मा ने फारसी भाषा व साहित्य में एमए किया, उर्दू, अंग्रेज़ी और पश्तो भाषाओं पर उनकी गहरी पकड़ है, लेकिन उनके समृद्ध रचना संसार में दबदबा हिंदी का ही है। ईरानी समाज और राजनीति के साथ-साथ उन्हें साहित्य, कला व सांस्कृतिक विषयों का भी विशेषज्ञ माना जाता है। नासिरा शर्मा उन विरले रचनाकारो में से एक हैं जिनकी हर कृति का कैनवास बहुत विराट है और इनमें से किसी एक को चुनने में मुश्किल होती है। इनके उपन्यासों में गहरे शोध की छाया है जो कहानी में एक नए किस्म का मेटाफर प्रस्तुत करती है।
    

Comments

Popular posts from this blog

UTTARAKHAND GK PART-2

UTTARAKHAND GK PART-7

UTTARAKHAND GK PART-6