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देश का गर्व, देश की बेटी, बनाई फाइनल में जगह

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 Proud moment 👍😊  देश का गर्व, देश की बेटी  कमलप्रीत कौर ने डिस्कस थ्रो में 64.00 का स्कोर कर फाइनल में जगह बनाई। #Olympics #KamalpreetKaur #TokyoOlympics2021

महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जन्मदिवस

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  महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद जन्मदिवस- 31 जुलाई                 मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी के गाँव लमही में हुआ था. उनका असली नाम धनपत राय श्रीवास्तव था.                  उनकी शिक्षा का आरंभ उर्दू, फारसी पढ़ने से हुआ और रोजगार का पढ़ाने से. 1898 में मैट्रिक की परीक्षा के पास करने के बाद वह एक स्थानिक पाठशाला में अध्यापक नियुक्त हो गये. 1910 में वह इंटर और 1919 में बी. ए. के पास करने के बाद स्कूलों के डिप्टी सब-इंस्पेक्टर नियुक्त हुए.                 हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनमें से अधिकांश हिंदी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं।      ...

31 जुलाई सरदार ऊधम सिंह पुण्यतिथि

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    सरदार ऊधम सिंह पुण्यतिथि-31 जुलाई                 ऊधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में हुआ था. बचपन में उनका नाम शेर सिंह रखा गया था. छोटी उम्र में में ही माता-पिता का साया उठ जाने से उन्हें और उनके बड़े भाई मुक्तासिंह को अमृतसर के खालसा अनाथालय में शरण लेनी पड़ी. यहीं उन्हें उधम सिंह नाम मिला और उनके भाई को साधु सिंह. 1917 में साधु सिंह भी चल बसे. इन मुश्किलों ने उधम सिंह को दुखी तो किया, लेकिन उनकी हिम्मत और संघर्ष करने की ताकत भी बढ़ाई.                 13 अप्रैल, 1919 में जब जालियांवाला बाग कांड हुआ तो ऊधम सिंह वहीं मौजूद थे. उन्होंने अपनी आँखों से डायर की करतूत देखी. वे गवाह थे उन हज़ारों भारतीयों की हत्या के, जो जनरल डायर के आदेश पर गोलियों के शिकार हुए थे. यहीं पर ऊधम सिंह ने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर और तत्कालीन पंजाब के गवर्नर माइकल ओ ड्वायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ली. इसके बाद वो क्रांतिकारियों के साथ शामिल हो गये. ...

उत्तराखंड की बेटी ने ओलंपिक में रचा इतिहास

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  उत्तराखंड की बेटी ने ओलंपिक में रचा इतिहास भारतीय हॉकी टीम में शामिल उत्तराखंड की बेटी वंदना कटारिया ने इतिहास रच दिया है। वंदना कटारिया देश की ऐसी पहली हॉकी खिलाड़ी बन गईं हैं जिसने ओलंपिक्स में हैट्रिक दर्ज की है। 🏑 संकलनकर्ता:- कमल रावत,Bright Future Team

उत्तराखंड विज्ञान प्रौद्योगिकी पर्यावरण व प्राचीन माप तोल प्रणालियां पार्ट-05

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   उत्तराखंड विज्ञान प्रौद्योगिकी पर्यावरण व प्राचीन माप तोल प्रणालियां पार्ट-05 प्रश्न =43. 8 रती बराबर होता है ? ( अ ) 1 माशा ( ब )  1 तोला ( स )  1 पल ( द )  1 डाल   प्रश्न =44. इनमे से कौन सा कथन सही है ? ( अ )  इकोक्लब का गठन 1970 में हुआ। ( ब ) ई डिस्ट्रिक्ट परियोजना राज्य में 2009 में देहरादून जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया। ( स ) गंगा एक्शन प्लान की शुरुआत 14 जुलाई 1985 को वाराणसी से हुई। ( द ) 100 तोला बराबर 20 पल होता है।   प्रश्न =45. मसूरी में नगरपालिका   परिषद द्वारा वाहनों से इको टैक्स वसूला जाता है ? ( अ ) 21 अक्टूबर 2009 से ( ब ) 21 सितम्बर 2009 से ( स ) 22 अक्टूबर 2010 से ( द ) 22 जुलाई 2010 से   प्रश्न =46.  2 डाल बराबर होता है ? ( अ )  32 kg ( ब )   1 दूण ( स )  अ तथा ब दोनों सही है ( द ) 2 दूण   प्रश्न =47.  5 तोला बराबर होता है ? ( अ ) 1 पल ( ब ) 2 पल ( स ) 1 विशत ( द ) 2 दूण   प्रश्न =48. 2 सेर बराबर होता है ? ( अ ) 2 कुड़ी ( ब ) 1 कुड़ी ( स ) 5 कुड़ी...

जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा जन्मदिवस

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29 जुलाई जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा जन्मदिवस                     जेआरडी टाटा की 117 वीं जयंती पर, रतन टाटा जेआरडी टाटा को अपना आदर्श और गुरू मानते हैं. जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा का जन्म 29 जुलाई, 1904 को हुआ था. जेआरडी टाटा को न केवल एक महान उद्योगपति, बल्कि वर्षों से टाटा समूह का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाता है. उन्हें वर्ष 1957 मे पद्म विभूषण और 1992 में भारत रत्न से सम्मनित किया गया। उनको भारतीय विमानन का जनक भी माना जाता है।                          उन्होंने टाटा ग्रुप के विकास में अहम् भूमिका निभाई और टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी और एयर इंडिया की स्थापना की। इन्होंने 1929 में पायलट का लाइसेंस हासिल करने वाले पहले भारतीय बने। उन्हें 1955 में पद्म विभूषण और 1992 में भारत रत्न अवार्ड से सम्मानित किया।                          जेआरडी टाटा का 29 नवंबर 1993 क...

सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत 'ईश्वरचंद्र विद्यासागर' पुण्यतिथि

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  29 जुलाई  सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत 'ईश्वरचंद्र विद्यासागर' पुण्यतिथि           भारत में 19वीं शती में जिन लोगों ने सामाजिक परिवर्त्तन में बड़ी भूमिका निभाई, उनमें श्री ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का नाम बड़े आदर से लिया जाता है। उनका जन्म 26 सितम्बर, 1820 को ग्राम वीरसिंह (जिला मेदिनीपुर, बंगाल) में हुआ था। धार्मिक परिवार होने के कारण इन्हें अच्छे संस्कार मिले।                नौ वर्ष की अवस्था में ये संस्कृत विद्यालय में प्रविष्ट हुए और अगले 13 वर्ष तक वहीं रहे। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी; अतः खर्च निकालने के लिए इन्होंने दूसरों के घरों में भोजन बनाया और बर्तन साफ किये। रात में सड़क पर जलने वाले लैम्प के नीचे बैठकर ये पढ़ा करते थे। इस कठिन साधना का यह परिणाम हुआ कि इन्हें संस्कृत की प्रतिष्ठित उपाधि ‘विद्यासागर’ प्राप्त हुई।                  1841 में वे कोलकाता के फोर्ट विलियम कालेज में पढ़ाने लगे। 1847 में वे संस्कृत महाविद्यालय में सहायक सचिव...