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डॉ. विक्रम साराभाई // जन्मदिवस

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  डॉ. विक्रम साराभाई // जन्मदिवस              डॉ. विक्रम साराभाई की ही कोशिशों की बदौलत स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की स्‍थापना की गई। आज अंतरिक्ष खोज और अभियानों में भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों की जो धाक है उसके पीछे डॉ. विक्रम साराभाई की दूरदृष्टि की बड़ी भूमिका है।                    आज भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक और महान वैज्ञानिक डॉ. विक्रम साराभाई की 101वीं जयंती है। 12 अगस्‍त 1919 को विक्रम साराभाई का जन्‍म गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। आज अंतरिक्ष कार्यक्रमों के क्षेत्र में भारत का जो दुनिया में स्‍थान है उसमें डॉ. साराभाई का अहम योगदान है। इसरो की स्‍थापना में अहम योगदान                 जिस उम्र में हम अपने लक्ष्य निर्धारित नहीं कर पाते हैं, उस उम्र में डॉ. साराभाई ने इसरो जैसे संस्था की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। जब रूस ने स्पुतनिक लॉन्च किया उस समय डॉ. साराभाई की उम्र 28 साल थी। उन्होंने भारत सरकार को इसरो की स्थापना के लिए राजी किया। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विकासशील राष्ट्र को भी चांद पर जाना चाहिए। इस तरह से इसरो की स्थापना हुई। 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 संकल

अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस

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12 अगस्त अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस               अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस एक मौका है युवाओं की आवाज, कार्यों और उनकी सार्थक पहल को विश्वस्तर पर पहचान दिलाने का। हर साल की तरह इस बार भी 12 अगस्त को इसे दुनियाभर में मनाया जाएगा। हालांकि कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार के कार्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से किए जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस कब से और क्यों मनाया जाता है              संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 17 दिसंबर 1999 को यह फैसला लिया गया कि 12 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का आयोजन पहली बार साल 2000 में किया गया था। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 1985 में अंतरराष्ट्रीय युवा वर्ष घोषित किया गया था।  अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस का उद्देश्य                इस दिवस का मुख्य उद्देश्य है सामाजिक, आर्थिक और राजनीती के मुद्दों पर युवाओं की भागीदारी और उनकी भूमिका पर चर्चा करना।   पूरे विश्व में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। यहाँ 35 वर्ष की आयु तक के 65 करोड़ युवा हैं। अर्थात् हमारे देश में अथाह श्रमशक्ति उपलब्ध है। आवश्यकता है आज हमारे देश की युवा शक्ति को उचित म

महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस, शहीदी दिवस

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महान स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस, शहीदी दिवस                3 दिसंबर 1889 को जन्मे बोस जब बहुत छोटे थे तभी उनके माता-पिता का निधन हो गया था। उनकी बड़ी बहन ने ही उनको पाला था। बंगाल विभाजन (1905) के बाद खुदीराम बोस स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। सत्येन बोस के नेतृत्व में खुदीराम बोस ने अपना क्रांतिकारी जीवन शुरू किया था।               भारतीय स्वाधीनता संग्राम में जान न्योछावर करने वाले प्रथम सेनानी खुदीराम बोस माने जाते हैं। वह आज ही के दिन यानी 11 अगस्त को केवल 18 साल की उम्र में देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गए थे। उनकी शहादत ने हिंदुस्तानियों में आजादी की जो ललक पैदा की उससे स्वाधीनता आंदोलन को नया बल मिला।                8 जून, 1908 को उन्हें अदालत में पेश किया गया और 13 जून को उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। 11 अगस्त, 1908 को उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया गया। महान स्वतंत्रता सेनानी शहीद खुदीराम बोस को भावभीनी श्रद्धांजलि 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 संकलनकर्ताः-    कमल रावत, ब्राईट फ्यूचर टीम (9761181917) व्हाट्सएप्प में जुड़ें टेलीग्राम चैनल से जुड़ें

महत्पवपूर्ण सवाल मिशन UKSSSC पार्ट-07

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1. 2.5 नाली बराबर होता है? A) 2.5 मुट्ठी B) 8 मुट्ठी C) 40 मुट्ठी D) इनमें से कोई नहीं ... Answer is C) Show Answer 2. उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना कब हुई ? A) 21 सितम्बर 2005 B) 2 फरवरी 2006 C) 21 फरवरी2005 D) इनमें से कोई नहीं ... Answer is B) Show Answer 3. 20 कुडी बराबर होता है? A) 1 विशत B) 2 विशत C) 1 पल D) इनमें से कोई नहीं ... Answer is A) Show Answer 4. 1 सेर बराबर होता है? A) 1 तामी B) 12 माशा C) 2 कुडी D) 2 तामी ... Answer is D) Show Answer 5. 1 kg में कितने मुट्ठी होते है? A) 8 मुट्ठी B) 16 मुट्ठी C) 32 मुट्ठी D) 4 मुट्ठी ... Answer is B) Show Answer 6. 2 सेर बराबर होता है? A) 1 KG B) 1/2 KG C) 5 KG D) इनमें से कोई नहीं ... Answer is A) Show Answer 7. गंगा की सफाई हेतु स्वामी निगमानन्द ने हरिद्वार में निगमानन्द ने हरिद्वार म

महत्पवपूर्ण सवाल मिशन UKSSSC पार्ट-06

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1. अमर शहीद केसरी चंद को अंग्रेजो द्वारा फाँसी दी गयी? A) 03 मई 1945 B) 03 मई 1941 C) 03 मई 1938 D) 03 मई 1942 ... Answer is A) Show Answer 2. उत्तराखण्ड अल्पसंख्यक कल्याण तथा वक्फ विकास निगम की स्थापना कब की गयी? A) जनवरी 2005 B) जनवरी 2006 C) जनवरी 2008 D) इनमें से कोई नहीं ... Answer is A) Show Answer 3. किसे चंद वंश का तुगलक कहा जाता है? A) ज्ञानचंद को B) देवचंद को C) अजीत चंद को D) सोमचंद को ... Answer is B) Show Answer 4. हिमालयन आर्ट पुस्तक किसकी रचना है? A) डॉ कुमार स्वामी B) डॉ जी0सी0 फ्रेंच C) किशन लाल वैद्य D) बैरिस्टर मुकुन्दीलाल ... Answer is B) Show Answer 5. प्रसून जोशी ने निम्न में से किस क्षेत्र में ख्याति अर्जित की है? A) विज्ञान तथा तकनीकी B) क्रीडा C) पत्रकारिता D) फिल्म तथा मनोरंजन ... Answer is D) Show Answer 6. वर्तमान में निम्न में से उत्तराखण्ड विधानसभा में ऑंग्ला भारतीय समुदाय

रोचक व अनुकरणीय प्रसंग यह नहीं पढ़ा आज तो क्या पढ़ा-02

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रोचक व अनुकरणीय प्रसंग यह नहीं पढ़ा आज तो क्या पढ़ा-02 Tokyo Olympics   यह दृश्य टोक्यो ओलंपिक में पुरुषों की हाई जम्प फाइनल का है। फाइनल में इटली के जियानमारको ताम्बरी का सामना क़तर के मुताज़ इसा बर्शिम से हुआ। दोनों ने 2.37 मीटर की छलांग लगाई और बराबरी पर रहे !  उसके बाद ओलंपिक अधिकारियों ने उनमें से प्रत्येक को तीन और प्रयास दिए, लेकिन वे 2.37 मीटर से अधिक तक नहीं पहुंच पाए। उन दोनों को एक और प्रयास दिया गया, लेकिन उसी वक़्त टाम्पबेरी पैर में गंभीर चोट के कारण अंतिम प्रयास से पीछे हट गए।  ये वो क्षण था जब मुताज़ बरशिम के सामने कोई दूसरा विरोधी नहीं था औऱ उस पल वह आसानी से अकेले सोने के क़रीब पहुंच सकते थे! लेकिन बर्शिम के दिमाग में कुछ घूम रहा था औऱ फ़िर कुछ सोचकर उसने एक अधिकारी से पूछा, "अगर मैं भी अंतिम प्रयास से पीछे हट जाऊं तो क्या हम दोनों के बीच गोल्ड मैडल साझा किया जा सकता है?"  कुछ देर बाद एक आधिकारी जाँच कर पुष्टि करता है और कहता है "हाँ बेशक गोल्ड आप दोनों के बीच साझा किया जाएगा"।  बर्शिम के पास और ज्यादा सोचने के लिए कुछ नहीं था । उसने आखिरी प्रयास से हटने

रोचक व अनुकरणीय प्रसंग यह नहीं पढ़ा आज तो क्या पढ़ा

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  रोचक व अनुकरणीय प्रसंग             केनिया के सुप्रसिद्ध धावक अबेल मुताई आलंपिक प्रतियोगिता मे अंतिम राउंड मे दौडते वक्त अंतिम लाइन से कुछ मिटर ही दूर थे और उनके सभी प्रतिस्पर्धी पीछे थे । अबेल ने स्वर्ण पदक लगभग जीत ही लिया था ।सभी दर्शक उनके नाम का जयघोष कर रहे थे , इतनेमें कुछ गलतफहमी के कारण वे अंतिम रेखा समझकर एक मिटर पहले ही रुक गए। उनके पीछे आनेवाले स्पेन के इव्हान फर्नांडिस के यह ध्यान मे आया कि अंतिम रेखा समझमे नहीं आने की वजह से वह पहले ही रुक गए है ।उसने चिल्लाकर अबेल को आगे जाने के लिए कहा लेकिन स्पेनिश नहीं समझने की वजह से वह नही हिला ।आखिर मे इव्हान ने उसे धकेलकर अंतिम रेखा तक पहूंचा दिया ।इस कारण अबेल का प्रथम तथा इव्हान का दूसरा क्रमांक आया ।पत्रकारों ने इव्हान से पूछा "तुमने ऐसा क्यों किया ?मौका मिलने के बावजूद तुमने प्रथम क्रमांक क्यों गंवाया ?" इव्हान ने कहा "मेरा सपना है कि हम एक दिन ऐसी मानवजाति बनाएंगे जो जो एक दूसरे को मदद करेगी ।और मैने प्रथम क्रमांक नहीं गंवाया।" पत्रकार ने फिर कहा "लेकिन तुमने केनियन प्रतिस्पर्धी को धकेलकर आगे लाया ।&